
सम्पर्क फाउंडेशन ने राज्य सरकारों के साथ 5 वर्षीय परिवर्तन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।हम देश के छह राज्यों में काम कर रहे हैं, जोकि छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा हैं।
हम शिक्षा में बदलाव ला रहे हैं :
भारत के 10 लाख सरकारी विद्यालयों में 14 करोड़ 40 लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा मिलने के बाद, विगत 19 सालों में शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों के 96% नामांकन किया जा चुके हैं। हालांकि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) सहित अन्य सभी स्वतंत्र सर्वेक्षणों में शिक्षा के ख़राब प्रतिफलों की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हुए बताया गया है कि कक्षा 5 के 10 में से करीब 6 विद्यार्थी कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते हैं, वहीं 10 में से 8 विद्यार्थी सामान्य गणित के प्रश्न भी हल नहीं कर पाते हैं। इसके अतिरिक्त इन सभी सर्वेक्षणों द्वारा यह भी अनुमान लगाया गया है कि अब तक देश के 6-14 वर्ष की आयु समूह के 60 लाख बच्चों का विद्यालयों में नामांकन नहीं हो पाया है, वहीं विद्यालयों में दाखिला लेने वाले बच्चों में से 36%बच्चे अपनी प्राथमिक शिक्षा पूर्ण होने से पहले ही विद्यालय छोड़ देते हैं।
भारतीय शैक्षिक व्यवस्था में ऐसी कई जटिल समस्याएं हैं, जो अपेक्षित सीखने के प्रतिफलों को प्राप्त करने में बाधा बनती हैं। जैसे – अपर्याप्त रूप से योग्य और उदासीन शिक्षक, विद्यार्थियों की उच्च अनुपस्थिति दर, शिक्षण की दोषपूर्ण विधियां, बहु-कक्षा शिक्षण और ख़राब आधारभूत संरचना।
किसी भी देश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास उस देश में विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है, इसलिए यदि समय रहते भारतीय शिक्षा के संकटों पर विचार नहीं किया गया और सीखने के प्रतिफलों में सुधार न लाया जा सका तो यह देश के जनसांख्यिकीय लाभांश को ही देश की सबसे बड़ी चुनौती में बदल देगा।
सम्पर्क फाउंडेशन ने कई वर्षों के शोध के बाद सीखने के प्रतिफलों में सुधार लाने के लिए आधुनिक, अल्पव्ययी और उपभोक्ता केंद्रित योजना,‘सम्पर्क स्मार्ट शाला’, का विकास किया है।हम ‘सम्पर्क स्मार्ट शाला’ में शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाने वाले साधनों के खर्च को $ 1प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष रखने में सफल हुए हैं।
सम्पर्क
स्मार्ट शाला
ने अपने 5 नवाचारों
के माध्यम से
कक्षा में शिक्षा के स्तर को
परिवर्तित कर दिया है
ध्वनि उपकरण जिसे दोबारा चार्ज किया जा सके – एक सूत्रधार ‘सम्पर्क दीदी’–जो ध्यानपूर्वक शोध करके बनाए गए अध्यायों, गीतों, संगीतों और खेलों को बच्चों को सुनाती हैं। पहली बार भाषा सीखने वाले बच्चों के लिए सुनने और बोलने की एक ऐसी प्रेरक विधि है, जिसमें भाषा सीखाने के लिए (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) संपूर्ण भाषा पद्धति का प्रयोग किया गया है।
इन शिक्षण सामग्रियों को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थियों को अंग्रेज़ी एवं गणितीय अवधारणाओं को समझाने में मदद करने के लिए बनाया गया हैं।
यह खेल सात स्तरीय जटिलताओं के साथ इस तरह बनाए गए हैं कि यदि शिक्षक विद्यार्थियों के आस-पास न हो तब भी वे अवधारणाओं के सीखने में सक्षम हो सकें।
इस अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से शिक्षक पाठ पढ़ाने के दौरान पुस्तिका में पाठ के अंत में दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करके पाठ पर आधारित ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन वीडियो तक पहुंच सकते हैं।
एक परस्पर संवादात्मक मोबाइल ऐप जिसका उपयोग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। इस ऐप में ऐनिमेटेड वीडियो सहित कई तरह के खेल, पहेलियां एवं अभ्यास प्रश्न भी उपलब्ध कराए गए हैं। यह ऐप शिक्षणों को शिक्षण का नवीन एवं व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है।
ध्वनि उपकरण जिसे दोबारा चार्ज किया जा सके – एक सूत्रधार ‘सम्पर्क दीदी’–जो ध्यानपूर्वक शोध करके बनाए गए अध्यायों, गीतों, संगीतों और खेलों को बच्चों को सुनाती हैं। पहली बार भाषा सीखने वाले बच्चों के लिए सुनने और बोलने की एक ऐसी प्रेरक विधि है, जिसमें भाषा सीखाने के लिए (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) संपूर्ण भाषा पद्धति का प्रयोग किया गया है।
हमने अपनी योजनाओं का कार्यान्वयन "वाटरफॉल" मॉडल के आधार पर किया हैं, जिसमें एक विचार अथवा नवाचार सुव्यवस्थित रूप से बड़ी संख्या में लाभार्थियों तक पहुंचता है।
सम्पर्क फाउंडेशन ने राज्य सरकारों के साथ 5 वर्षीय परिवर्तन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।हम देश के छह राज्यों में काम कर रहे हैं, जोकि छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा हैं।
हमने अंग्रज़ी और गणित के शिक्षण के लिए दो तरह की शिक्षण किट बनाई हैं, जिनमें विशेष तरह की शिक्षण सामग्रियां उपलब्ध कराई गई हैं। हमारी अंग्रेजी की किट में एक साउंड बॉक्स, फ्लैश कार्ड आदि शामिल हैं तथा गणित की किट में काउंटर, प्ले मनी, स्थानीय मान स्ट्रिप्स, आदि शामिल हैं। इन उपकरणों का उद्देश्य बच्चों को सीखने के लिए उत्साहित करना है।
सम्पर्क फाउंडेशन शिक्षकों को परस्पर संवादात्मक एवं क्रियात्मक प्रशिक्षण प्रदान करता है, ताकि वे हमारे अंग्रज़ी एवं गणित के अभिनव अपकरणों को कक्षा में प्रयोग कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लेकर आ सकें। पिछले एक साल में, हमने 200,000+ सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को गतिविधि-आधारित शिक्षाशास्त्र में सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है।
सम्पर्क बैठक मोबाइल ऐप शिक्षण की सरल और आकर्षक वीडियो सामग्री हिंदी भाषा में उपलब्ध करता है, जिससे ग्रामीण भारत के स्कूल और घर में शिक्षा मज़ेदार बनती है। इस ऐप का ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपयोग किया जा सकता है तथा कोई भी व्यक्ति मल्टीमीडिया अभ्यास पुस्तिका में क्यूआर कोड को स्कैन करके इन वीडियोज़ तक पहुंच सकता है।
राज्य के प्रत्येक ज़िले मेंहमारे प्रतिनिधि, सम्पर्क स्पार्कस्, क्रियान्वित हैंजो शिक्षा अधिकारियों की सहायता सेविद्यालयों में जाकर कार्यक्रम के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करते हैं। स्पार्कस् नियमित रूप से जिलाधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारियों और ब्लॉक अधिकारियों सहित प्रमुख नौकरशाहों से मिलते हैं और उन्हें कार्यक्रम की जानकारियाँदेते हैं।
6 राज्यों के 76,000 स्कूलों के 7 लाख बच्चों तक सम्पर्क फाउंडेशन अपनी पहुँच बना चुका है | यही नहीं इन स्कूलों में सेवारत 2 लाख से भी अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में भी हमने सफलता हासिल की है |
जिन स्कूलों में सम्पर्क स्मार्टशाला प्रोग्राम को लागू किया गया है वहाँ उन बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिन्होंने गणित और अंग्रेजी में अपने कक्षा के स्तर के अनुरूप सवालों के जवाब दिए हैं | छत्तीसगढ़, झारखंड और हरियाणा में केवल एक वर्ष में बच्चों के प्रदर्शन में क्रमशः 39, 36 और 47 प्रतिशत सुधार हुआ है |